*प्रयागराज।* भा.वा.अ.शि.प.- पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र, प्रयागराज एवं सतत भूमि प्रबंधन पर उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई-एसएलएम) देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में कोल इण्डिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों हेतु आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन दिनांक 26.02.2025 को किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य भारत वर्ष के खनन प्रभावित भूमि को वानिकी के माध्यम से सुधार हेतु विभिन्न प्रयासों पर चिंतन था। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के साथ झारखण्ड उड़ीसा, मध्य प्रदेश, असम, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल से 15 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। प्रथम तकनीकी सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. उमेश कुमार सिंह द्वारा *”सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भूमि क्षरण तटस्थता की भूमिका”* विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रतिभागी प्रशिक्षुओं को न्यू कैंट, प्रयागराज के पर्यावरण प्रयोगात्मक एवं संरक्षण क्षेत्र में गंगा टास्क फोर्स द्वारा संचालित गतिविधियों का भ्रमण कराया गया। सीओई के वरिष्ठ वैज्ञानिक संजीव कुमार एवं गौरव मिश्रा द्वारा वार्तालाप सत्र का संयोजन किया गया। द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ. दीपक लाल, प्रोफेसर शुआट्स के भू – स्थानिक प्रौद्योगिकी केन्द्र, प्रयागराज द्वारा *”भूमि क्षरण के आकलन और उसकी बहाली में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तथा रिमोट सेंसिंग की भूमिका”* से अवगत कराया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह द्वारा *” खनन क्षेत्रों का वनीकरण”* पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के डॉ. पंकज श्रीवास्तव द्वारा *”पारिस्थितिक बहाली एवं मृदा कार्बन संचयन अवस्था”* पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर से आए डॉ. अविनाश जैन ने *”मृदा स्वास्थ्य कार्ड की तैयारी और उपयोग”* विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पाठ्यक्रम समन्वयक आलोक यादव ने *”खनन किये गये क्षेत्रों के पुनरुद्धार हेतु जैविक दृष्टिकोण”* पर विस्तृत चर्चा किया। इसी क्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं आयोजन सचिव डॉ. अनुभा श्रीवास्तव द्वारा *”सिलिका खनन क्षेत्रों के पुनर्ग्रहण में केन्द्र के प्रयास एवं अनुभव”* पर प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम के अन्त में कार्यशाला से सम्बन्धित सामूहिक चर्चा के साथ ही प्रतिक्रिया प्रस्तुत किया गया। समापन सत्र में केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये गये। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत किया गया।
खनन क्षेत्रों का वृक्षारोपण द्वारा सुधार*
