कर्ज से छुटकारा पाने के लिए भौम प्रदोष व्रत के दिन इस स्तोत्र का पाठ करें

नातन धर्म में व्रत-त्यौहार का काफी महत्व होता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है और जब यह तिथि मंगलवार को पड़ जाती है, तो इसको भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। जो लोग भगवान शिव और हनुमान जी दोनों की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे बढ़िया दिन है। इस व्रत को रखने के लिए कर्ज की मुक्ति मिलती है और आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए भी फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों को भी दूर करता है। इसलिए आप इस दिन स्तोत्र पाठ करें। इसके पाठ करने से कई लाभ होते हैं।

भौम प्रदोष व्रत के दिन करें ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ

 

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।

स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।

धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।

व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।

ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।

न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।

त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।

 

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।

भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।

तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।।

तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।

ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।

महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा।।

।। इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

 

ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से क्या होता?

 

किसी भी ऋण से छुटकारा पाने के लिए और आर्थिक समस्याओं से राहत पाने के लिए स्तोत्र का पाठ करें। इस पाठ के करने से मानसिक और शारीरिक पीड़ा से राहत मिलती है। व्यक्ति के जीवन में सभी परेशनियां दूर हो जाती है।

 

ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने के नियम

 

– मंगलवार के दिन ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ विशेष रुप से मंगलवार के दिन सूर्योदय के समय करें।

 

– यदि संभव हो तो आप रोजाना भी पाठ कर सकते हैं।

 

– स्नान करने के बाद आप लाल वस्त्र पहनें और एक लाल आसन पर विराजमान हो जाएं।

 

– हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी का दीपक जरुर जलाएं।

 

– पाठ के शुरु होने से पहले भगवान गणेश और भगवान हनुमान जी का ध्यान करें। आखिर में मंगल ग्रह के लिए प्रार्थना करें और अपने ऋण से मुक्ति के लिए प्रार्थना जरुर करें।

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